इक्षु रस का अर्थ
[ ikesu res ]
इक्षु रस उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- ईख या गन्ने का रस:"गन्ने का रस एक स्वादिष्ट और पौष्टिक पेय है"
पर्याय: गन्ने का रस, गन्ना रस, गन्नारस, इक्षुरस
उदाहरण वाक्य
- [ संपादित करें ] इक्षु रस सागर
- श्री जिनसेनाचार्य द्वारा रचित आदिपुराण ग्रन्थ के अनुसार प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने युग की आदि में यहाँ एक वर्ष के उपवास के पश्चात् राजा श्रेयांस के द्वारा जैन विधि से नवधा भक्ति पूर्वक पड़गाहन करने के बाद इक्षु रस का आहार ग्रहण किया था।
- प्रायश्चित निवारण भी इस दिन किया जाता गौमूत्र गोबर गायका घी , दहि , दुध पंचगण्य से स्नान कराया जाता है हमें स्नान , मधु स्नान , भस्मी , मृतिका , सर्वोषधी स्नान गंगाजल , धृत , चन्दन इत्र स्नान , धान्य , फलों के रस का स्नान भी मंत्रों के द्वारा किया जाता है तथा सभी तीर्थों के जल से इस दिन स्नान करने का बडा महत्व है पहले केवल राजा लोग ही इसका पालन करते थे तथा शरकरा स्नान इक्षु रस के अभाव में किया जाता था।